कोई भी दुकान, मकान या प्रॉपर्टी खरीदना किसी की जिंदगी का सबसे बड़ा और रोमांचक फैसला होता है। लेकिन इस फैसले के साथ कुछ ज़िम्मेदारियाँ भी आती हैं, खासकर जब बात रजिस्ट्री की हो। अगर आपने एक भी जरूरी पॉइंट मिस कर दिया, तो न सिर्फ आपके पैसे डूब सकते हैं, बल्कि आपकी प्रॉपर्टी भी कानूनी उलझनों में फँस सकती है।
इस पोस्ट में हम विस्तार
से जानेंगे कि भारत में प्रॉपर्टी रजिस्ट्री कैसे की जाती है और कौन-कौन सी बातों का
ध्यान रखना जरूरी होता है।
प्रॉपर्टी रजिस्ट्री क्या होती है?
प्रॉपर्टी रजिस्ट्री
एक कानूनी दस्तावेज होता है जो खरीदार और विक्रेता के बीच संपत्ति के ट्रांसफर को वैध
बनाता है। इसे सेल डीड (Sale Deed) भी कहा जाता है। इसमें निम्नलिखित जानकारियाँ शामिल
होती हैं:
- प्रॉपर्टी की कीमत
- प्रॉपर्टी की सीमाएँ (चौहद्दी)
- विक्रेता और खरीदार की जानकारी
- सभी कानूनी विवरण
यह दस्तावेज सब-रजिस्ट्रार
ऑफिस में रजिस्टर कराया जाता है। यही प्रक्रिया संपत्ति को कानूनी रूप से आपके नाम
पर दर्ज कराती है।
लोन से सम्बंधित जानकारी के लिए आप यहाँ - क्लिक करे
रजिस्ट्री कराने से पहले किन बातों का ध्यान रखें?
1. सेल डीड को ध्यान से पढ़ें
सेल डीड तैयार करवाते
समय उसमें प्रॉपर्टी की सीमाओं (चौहद्दी), माप, स्थिति और ट्रांसफर डिटेल्स को सही-सही
दर्ज कराएं। कोई भी गलती भविष्य में विवाद का कारण बन सकती है।
2. पेमेंट हमेशा बैंक के माध्यम से करें
जो भी रकम प्रॉपर्टी
खरीदने के लिए दी जा रही है, वह कोशिश करें कि बैंक ट्रांसफर, चेक या RTGS के माध्यम
से हो। नकद लेन-देन से विवाद की संभावना बढ़ जाती है क्योंकि उसका कानूनी सबूत नहीं
होता।
3. प्रॉपर्टी की साइट विजिट जरूर करें
सिर्फ कागजों पर भरोसा
ना करें। जिस प्लॉट या मकान की रजिस्ट्री करवा रहे हैं, उसे खुद जाकर देखें और निशानदेही
(identification) करवा लें। इससे भविष्य में कब्जे या धोखाधड़ी की संभावनाएं कम होंगी।
रजिस्ट्री की प्रक्रिया
- दो आईडी प्रूफ और दो पासपोर्ट साइज़ फोटो
तैयार रखें
- दो गवाहों की आवश्यकता होती है – उनके भी
ID और फोटो साथ लें
- नजदीकी सब-रजिस्ट्रार ऑफिस में जाएं
- अपने वकील की मदद से एक सेल डीड
(Agreement to Sale) तैयार करवाएं
- सेल डीड में प्रॉपर्टी की सारी जानकारी सही-सही
दर्ज करें
- सब-रजिस्ट्रार ऑफिस में बायोमेट्रिक प्रोसेस
होता है जिसमें आपकी उंगलियों के फिंगरप्रिंट लिए जाते हैं
- सेलर, बायर और दोनों गवाहों के दस्तखत और
फिंगरप्रिंट लिए जाते हैं
- रजिस्ट्री हो जाने के बाद आप कानूनी रूप से
उस प्रॉपर्टी के मालिक बन जाते हैं
रजिस्ट्री के समय खुशी
होना स्वाभाविक है, लेकिन सावधानी भी उतनी ही ज़रूरी है।
- कोई भी दस्तावेज बिना पढ़े साइन ना करें
- प्रॉपर्टी से संबंधित सारे डिटेल्स वकील से
जांच लें
- नकद लेन-देन से बचें
- जमीनी हकीकत की पुष्टि ज़रूर करें
रजिस्ट्री एक महत्वपूर्ण
कानूनी प्रक्रिया है, जिससे आपकी खरीदी गई संपत्ति सुरक्षित होती है। अगर आपने ऊपर
बताए गए सभी बिंदुओं का ध्यान रखा, तो आप निश्चिंत होकर अपने नए घर या दुकान का आनंद
ले सकते हैं।
अगर यह जानकारी आपको
उपयोगी लगी हो, तो इसे शेयर ज़रूर करें ताकि और लोग भी इससे फायदा उठा सकें।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें